10 Beautiful Sayari by Allama Iqbal

अल्लामा इक़बाल की कुछ मशहूर शायरी:

अल्लामा इक़बाल की कुछ मशहूर शायरी:

  1. “ख़ुदी को कर बुलंद इतना कि हर तक़दीर से पहले
    ख़ुदा बंदे से ख़ुद पूछे, बता तेरी रज़ा क्या है।”
  2. “हज़ारों ख़्वाहिशें ऐसी कि हर ख़्वाहिश पे दम निकले
    बहुत निकले मेरे अर्मान, लेकिन फिर भी कम निकले।”
  3. “ख़ुद को बेख़ुदी में मिटा दे, मिटा दे,
    जहाँ में हैं अब तक, वहाँ हैं अब तक।”
  4. “सितारों से आगे जहाँ और भी हैं,
    अब्बास की इक सीढ़ी में चढ़ जा।”
  5. “ख़ुद अपनी इहमात का आइना बना,
    ख़ुद को पहचान ले, ज़िन्दगी क्या है।”
  6. “मिट्टी की मोहब्बत बू नहीं मिलती,
    ज़मीन की खुश्बू आसमान से नहीं मिलती।”
  7. “है ख़ुद बीमार, उम्र दराज़ मांगती है,
    किसी रोज़ गर मिल जाएगी दवा मुझे।”
  8. “निगाहे ना फुरसत है जिनकी, तो उनको क्या मिला,
    सर-ओ-समान बात करें, वही बद-गुमान बात करें।”
  9. “जिन्हें निर्धन देखा है कभी गरीबी की चिता,
    उन्हें ख़ाक है तज़ुर्बा, जिन्हें हक़ीक़त की हवा।”
  10. “ज़िंदगी शादाब होती है ज़िन्दगी,
    जब ख़ुद से आदमी ख़ुद को जानता है।”

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